तानाशाही मानसिकता को बेपर्दा करता उपन्यास ‘गोरी हिरनी’
Post Views: 52 लेखकः गुलजार सिंह संधुहिंदी अनुवादकः गुरबख्श मोंगा और वंदना सुखीजाप्रकाशकः गार्गीपृष्ठः 134मूल्यः रू. 120 यह बेहद उत्सुकता की बात हो सकती है कि कोई तानाशाह किस प्रकार
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