Tag: पुस्तक

हिंदी में विश्व कविता – हरिमोहन शर्मा

विश्व के प्रसिद्ध कवियों की कविताएँ हिंदी में लाने का अनूठा काम ‘तनाव’ पत्रिका के माध्यम से वंशी माहेश्वरी पिछले पचास वर्षों से यह काम बखूबी कर रहे हैं। खुशी की बात है कि यह पत्रिका मात्र दस रुपये में अब भी छप रही है। संभावना प्रकाशन हापुड़ से इनका यह काम तीन खंडों में छप कर आगया है। इसमें 33 देशों के 103 कवियों की कविताएँ संकलित हैं। प्रस्तुत है यहां इसका संक्षिप्त परिचय- हरिमोहन शर्मा ) … Continue readingहिंदी में विश्व कविता – हरिमोहन शर्मा

हरियाणा में प्रजामण्डल आन्दोलन और तत्कालीन परिदृश्य – सुरेन्द्रपाल सिंह

प्रजामंडल आंदोलन के अग्रणी नेता चौ. निहाल सिंह तक्षक के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चौ० निहाल सिंह तक्षक -विलीनीकरण अभियान के महानायक’ पुस्तक तत्कालीन सामाजिक-राजनैतिक हलचलों पर पर्याप्त प्रकाश डालती है।पुस्तक के संकलनकर्ता व लेखक डॉ. प्रकाशवीर विद्यालंकार हैं। हरियाणवी समाज की क्षेत्र विशेष गतिकी की बेहतर समझ और विमर्श के लिए यह पुस्तक महत्वपूर्ण है। … Continue readingहरियाणा में प्रजामण्डल आन्दोलन और तत्कालीन परिदृश्य – सुरेन्द्रपाल सिंह

कुर्सी के लिए कत्ल- गोपाल प्रधान

Post Views: 31 2019 में शब्दलोक प्रकाशन से छपी किताब ‘सत्ता की सूली’ को तीन पत्रकारों ने मिलकर लिखा है। इस किताब ने वर्तमान पत्रकारिता को चारण गाथा होने से

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भौतिकवाद को हिंदी में विकसित और स्थापित करने का समर – गोपाल प्रधान

Post Views: 26 हिंदी भाषा में कुछ भी वैचारिक लिखने की कोशिश खतरनाक हो सकती है। देहात के विद्यार्थियों के लिए कुंजी लिखना ही इस भाषा का सर्वोत्तम उपयोग है।

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खेती का इतिहास – गोपाल प्रधान

Post Views: 75 पठनीय पुस्तक 2020 में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास यानी नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित सुषमा नैथानी की किताब ‘अन्न कहाँ से आता है’ सही अर्थ में हिंदी की

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पीठासीन अधिकारीः बेहतरीन कहानियों का गुलदस्ता- अरुण कुमार कैहरबा

Post Views: 55 हरियाणा के जिला यमुनानगर के जाने-माने कथाकार ब्रह्म दत्त शर्मा का तीसरा कहानी संग्रह ‘पीठासीन अधिकारी’ बीते वर्ष के आखिरी चरण में के.एल. पचौरी प्रकाशन, गाजियाबाद से

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कब तक मारे जाओगे- डॉ . पूनम तुषामड़

हिन्दी साहित्य में दलित साहित्य की प्रतिनिधि डॉ. पूनम तुषामड़ का जन्म दिल्ली में एक निम्न आयवर्गीय परिवार में हुआ।दलित कविता की नई पीढ़ी के जिन रचनाकारों ने समकालीन साहित्य को प्रभावित किया है, उनमें डॉ. तुषामड़ का नाम उल्लेखनीय है। उनकी रचनाओं को हिन्दी जगह में व्यापक स्तर पर सराहा गया है। हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा चयनित काव्य संग्रह “माँ मुझे मत दो” से उन्हें विशेष ख्याति मिली। उनकी कविताओं में नए संदर्भों के साथ दलित चेतना का विकसित रूप अपनी विशिष्टता के साथ अभिव्यक्त हुआ है। “राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन” द्वारा सम्मानित एवं “सम्यक प्रकाशन” द्वारा प्रकाशित कहानी संग्रह “मेले में लड़की’ने भी पाठकों को खासा प्रभावित किया। वर्ष 2004 में हिन्दी अकादमी, दिल्ली का नवोदित लेखक पुरस्कार उनके कविता संग्रह “माँ मुझे मत दो” के लिए तथा 2010 में हिन्दी कविता कोश सम्मान-2010 व ”हम साथ-साथ हैं पत्रिका” द्वारा प्राप्त युवा रचनाकार सम्मान आदि शामिल हैं। … Continue readingकब तक मारे जाओगे- डॉ . पूनम तुषामड़

शानदार तोहफा – जोतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले और डा. भीम राव अम्बेडकर की संपूर्ण रचनाएं – सत्यशोधक फाऊंडेशन

Post Views: 860 पीडीएफ फार्मेट में पढ़ने और डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें जोतिबा फुले की संपूर्ण रचनाएं जोतिबा फुले संपूर्ण रचनावली जोतिबा फुले जीवनी – एन.सी.आर.टी.ई. गुलामगिरी –

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11 अप्रैल जोतिबा फुले 14 अप्रैल बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जंयति पर सभी पाठकों को बधाई

Post Views: 418 सत्यशोधक फाऊंडेशन के सहयोग से देस हरियाणा पत्रिका बाबा साहेब व जोतिबा फुले जी की जयंति पर अपने पाठकों को समर्पित करती है डा. भीमराव अम्बेडकर की

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