Tag: रागनी

कर जोड़ खड़ी सूं प्रभु लाज राखियो मेरी – पं. लख्मीचंद

महाभारत में द्रोपदी का एक ऐतिहासिक सवाल किया जो अभी तक अनुत्तरित है।बहुत ही खूब रागनी में पं. लख्मीचंद ने भारतीय समाज की पितृसत्तात्मक बनावट का स्पष्ट संकेत भी है। … Continue readingकर जोड़ खड़ी सूं प्रभु लाज राखियो मेरी – पं. लख्मीचंद

हो पिया भीड़ पड़ी मैं नार मर्द की खास दवाई हो – पं. लख्मीचंद

जब भी मर्द पर संकट आता है तो स्त्री की गोद ही संबल होती है। कितने ही साहित्यकारों ने इस तरह के भाव प्रकट किए हैं। आमतौर पर लख्मीचंद की रागनियों में स्त्री की छवि पुरुष की सफलता में बाधक की ही है, लेकिन यहां एक स्त्री-स्वर में पं. लख्मीचंद की आत्मा की पुकार उठी है और ऐसा वे इसलिए कर सके कि यहां शास्त्र समर्थित रुढियों के बोझ को उतार फेंका जिसे वे अकसर ढोते रहे थे. … Continue readingहो पिया भीड़ पड़ी मैं नार मर्द की खास दवाई हो – पं. लख्मीचंद

किसान की मुसीबत नैं जाणै सै किसान – धनपत सिंह

Post Views: 278 किसान की मुसीबत नैं जाणै सै किसानलूट-खसोट मचावणियां तूं के जाणै बेईमान माह, पोह के पाळे म्हं भी लाणा पाणी होदिन रात रहे जा बंध पै कस्सी

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भूखे मरते भक्त, ऐश करते ठग चोर जवारी क्यूं – हरीकेश पटवारी

एम.ए. बी.ए. पढ़े लिखे सिर पर बोझा ढोते देखे
महा लंठ अनपढ़ गंवार कुर्सीनशीन होते देखे … Continue readingभूखे मरते भक्त, ऐश करते ठग चोर जवारी क्यूं – हरीकेश पटवारी

वा राजा की राजकुमारी मैं सिर्फ लंगोटे आळा सूं – पं. मांगेराम

Post Views: 327 वा राजा की राजकुमारी मैं सिर्फ लंगोटे आळा सूंभांग रगड़ कै पीवणियां मैं कुण्डी सोट्टे आळा सूं उसकी सौ सौ टहल करैं आड़ै एक भी दासी दास

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मंदिर मस्ज़िद ना लड़ते – मनजीत भोला

सींग उलझते कदे ना देखे गीता और कुरान के
श्री कृष्ण पै पढ़े सवैये मनै लिखे हुए रसखान के … Continue readingमंदिर मस्ज़िद ना लड़ते – मनजीत भोला

घाणी फोड़ रही थी जोट न्यूं आपस में बतलाई – मंगतराम शास्त्री

Post Views: 157 (प्रचलित तर्ज- होळी खेल रहे नन्दलाल…)घाणी फोड़ रही थी जोट न्यूं आपस में बतलाईहम रहां माट्टी संग माट्टी, म्हारी जड़ चिन्ता नै चाट्टीपाट्टी पड़ी खेस की गोठ,

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भीतरला हो साफ मणस का चाहे रंग बेशक तै काला हो – विक्रम राही

Post Views: 722 भीतरला हो साफ मणस का चाहे रंग बेशक तै काला हो हो रंग भी काला दिल भी काला उसका के उपराला हो भूरा हो जै देखण मैं

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बेटी गैल्यां धोखा होग्या इब के कह दयूं सरकार तनै- विक्रम राही

Post Views: 286 बेटी गैल्यां धोखा होग्या इब के कह दयूं सरकार तनै जै गर्भ बीच तै बचा लई तो आग्गे फेर दई मार तनै लिंगानुपात सुधर गया इसका कारण

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झूठ कै पांव नहीं होते- मंगत राम शास्त्री

Post Views: 319 मंगतराम शास्त्री झूठ कै पांव नहीं होते सदा जीत ना होया करै छल कपट झूठ बेईमाने की एक न एक दिन सच्चाई बणती पतवार जमाने की झूठ

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