रागनी
मंदिर मस्ज़िद ना लड़ते थारा आपस में क्यूँ पंगा रै
शर्मसार मत करो मनै न्यू कहरया सै तिरंगा रै
कोए भगमा को लीला लेरया हरा किसेके हाथ में
न्यारे न्यारे ठा लीए झंडे आकै नै जजबात में
प्यार की ठंडक चाहिए सै इस गरमी के हालात में
बाशिंदे सब सो भारत के बंटो ना मजहब जात में
चाल सियासत की समझो तै किते होवै ना दंगा रै
शर्मसार मत करो मनै न्यू कहरया सै तिरंगा रै
ठेके पै जाकै कुणसे धर्म की लिया करो शराब कहो
जरूत खून की पड़ै तै कुणसा अच्छा अर खराब कहो
सबनै दे परकास एकसा किसका सै आफ़ताब कहो
देवै चाँदणी बराबर सबनै किसका सै माहताब कहो
किसतै नफरत करती देखी बताओ जमना गंगा रै
शर्मसार मत करो मनै न्यू कहरया सै तिरंगा रै
सींग उलझते कदे ना देखे गीता और कुरान के
श्री कृष्ण पै पढ़े सवैये मनै लिखे हुए रसखान के
असल बातपै बंदक्यूं होज्यां ताले थारी जबान के
मुद्दे ठाणे सैं तै ठाओ मजदूर और किसान के
लाणा सै तै विकास पै लाओ जीतणा सै यो हँगा रै
शर्मसार मत करो मनै न्यू कहरया सै तिरंगा रै
जो भड़कावै उसतै उसके परिवार की बात करो
माणस जै हो सरकारी तै सरकार की बात करो
संविधान नै जो दिया उस अधिकार की बात करो
नई उम्र तै नम्र निवेदन रोज़गार की बात करो
मनजीत भोळा जोश में भरकै ना काम करो बेढंगा रै
शर्मसार मत करो मनै न्यू कहरया सै तिरंगा रै
संपर्क- 9034080315
स्रोत- देस हरियाणा, अंक-17, पेज नं. 63