मातम डा. पूरन सिंह तब लगभग सभी के घरों में कच्चे चमड़े का काम होता था। लोग कच्चे चमड़े के जूते बनाते थे। कुछ लोग मरे हुए जानवरों की खाल
मातम डा. पूरन सिंह तब लगभग सभी के घरों में कच्चे चमड़े का काम होता था। लोग कच्चे चमड़े के जूते बनाते थे। कुछ लोग मरे हुए जानवरों की खाल
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के सभागार में देस हरियाणा की तरफ वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश करुणेश के हाल ही में प्रकाशित हुए काव्य संग्रह ‘बुत गूंगे नहीं
कल्पित तुझे सलाम गुरबख्श सिंह मोंगा अनुसूचित जाति के कल्पित वीरवाल द्वारा आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में सौ फीसदी अंक लाना बताता है कि प्रतिभा किसी जाति विशेष की जागीर
28 जुलाई 2016 को शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी में ‘स्वतंत्रता आंदोलन और उधम सिंह’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार ‘देस हरियाणा’ पत्रिका,
निंदर घुगियाणवी (निंदर घुगियाणवी पंजाबी के लेखक हैं। ‘जब मैं जज का अर्दली था’ घुगियाणवी का आत्मवृत साहित्य की दुनिया में खूब मकबूल हुआ। इसमें घुगियाणवी ने भारतीय न्याय-व्यवस्था के