समय के सामने3- Page

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सामयिकFebruary 19, 2025

योग में रोज साथ देने वाले मेरे मित्र रमेश नांगलिया आज बहुत दुखी हैं. उन्हें कल सुबह कुंभ- स्नान के लिए प्रस्थान करना था. प्रयागराज में अपार भीड़ और जाम

निबंधFebruary 17, 2025

विद्या, कला, कविता, साहित्य, धन और राजस्व से भी आचरण की सभ्यता अधिक ज्योतिष्मती है। आचरण की सभ्यता को प्राप्त करके एक कंगाल आदमी राजाओं के दिलों पर भी अपना प्रभुत्व

हिन्दोस्तान आज़ाद हो गया। आज़ाद हिन्दोस्तान का ध्यान एक नए समाज के निर्माण की ओर केन्द्रित हो रहा है। यह नया समाज कैसा हो?- उसका मूल आधार कैसा हो? उसका

विरासतFebruary 16, 2025

ऐसा क्यों है कि हम एक विदेशी से यह अपेक्षा करते हैं कि वह हिमालय पर्वत की ऊँचाई का पता लगाए: जबकि हम यह दावा करते हैं कि हमने सात

बुद्धिजीवी बहुत थोड़े में संतुष्ट हो जाता है। उसे पहले दर्जे का किराया दे दो ताकि वह तीसरे में सफर करके पैसा बचा ले। एकाध माला पहना दो, कुछ श्रोता

भूमिका: हिन्दुस्तान की भूमि परिवर्तनवादी थी। वर्तमान में समतावादी,धर्मनिरपेक्ष भी है। तत्कालीन समय भले ही भारत कई संस्थान में विभाजित था,किंतु सभी जाति, धर्म के लोग मिलजुल कर रहते थे।

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