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कविताOctober 21, 2025

1 . उस राह पर चल पड़ो उस राह पेजिससे थे बंधे वो सेतूकोसों दूर भाग रही है सभ्यता जिससेनैतिकता के घड़े अब फूटने लगे हैंरिसने लगा है खून पानी

आज के समय में भले ही तमाम नीतियां, कानून व विधिक निकाय महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उनकी आत्मनिर्भरता, निर्णय लेने की क्षमता मानसिक

कबीर परम्परा के संत कवि गरीब दास (संवत 1774 से 1835) हरियाणा के झज्जर जिले के छुड़ानी गांव में हुए। ‘ग्रंथ साहब’ में इनके लगभग 18000 पद संकलित हैं।  संतों

आलोचनाMarch 12, 2025

कपिल भारद्वाज इधर कविता के क्षेत्र में पिछले लगभग एक दशक से सक्रिय हैं। उनके दो काव्य संग्रह प्रकाशित हैं। हाल फिलहाल उनकी दिलचस्पी समीक्षा में बढ़ी है, जिसका परिणाम है हमारे पास उनका यह दूसरा समीक्षात्मक आलेख। कपिल ने वरिष्ठ साहित्यकार हरभगवान चावला की कहानियों का पाठ किया है। कहानियों पर केन्द्रित बातचीत हमारे सामने से लगभग गायब हो रही है, ऐसे में यह आलेख एक संवाद स्थापित करेगा ऐसी सम्भावना है-

आकांक्षा गौतम एक संजीदा शोधकर्ता हैं, जो भारतीय समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों की समस्याओं को उजागर करने और उनके लिए एक न्यायसंगत सामाजिक संरचना की मांग करने के लिए सतत कार्यरत हैं। विशेष रूप से, वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सफाई कर्मचारियों और मैला ढोने वालों के जीवन, उनकी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों और उनके संघर्षों पर शोध कर रही हैं।

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