सामाजिक न्याय

80Articles

आज के समय में भले ही तमाम नीतियां, कानून व विधिक निकाय महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उनकी आत्मनिर्भरता, निर्णय लेने की क्षमता मानसिक

विविधMarch 2, 2025

आकांक्षा गौतम एक संजीदा शोधकर्ता हैं, जो भारतीय समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों की समस्याओं को उजागर करने और उनके लिए एक न्यायसंगत सामाजिक संरचना की मांग करने के लिए सतत कार्यरत हैं। विशेष रूप से, वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सफाई कर्मचारियों और मैला ढोने वालों के जीवन, उनकी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों और उनके संघर्षों पर शोध कर रही हैं।

विरासतFebruary 16, 2025

ऐसा क्यों है कि हम एक विदेशी से यह अपेक्षा करते हैं कि वह हिमालय पर्वत की ऊँचाई का पता लगाए: जबकि हम यह दावा करते हैं कि हमने सात

भूमिका: हिन्दुस्तान की भूमि परिवर्तनवादी थी। वर्तमान में समतावादी,धर्मनिरपेक्ष भी है। तत्कालीन समय भले ही भारत कई संस्थान में विभाजित था,किंतु सभी जाति, धर्म के लोग मिलजुल कर रहते थे।

विश्वभर में जब भी अधिकारों की बात होती है तो ब्रिटेन के मैग्नाकार्टा का जिक्र जरूर आता है। दरअसल, मैग्नाकार्टा ब्रिटिश इतिहास के अधिकारों से संबंधित सबसे प्रभावी कानूनों में

शिक्षा, रोजगार में आर्थिक सहायता सामाजिक व राजनीतिक समानता का पहला चरण – आरक्षण भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त एक सामाजिक व्यवस्था है। जिसका उद्देश्य देश को एकता व अखण्डता के

सोशल मीडिया पर जुड़ें
सोशल मीडिया पर जुडें
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...