असीन राजाराम उर्फ गगनदीप सिंह 11 साल की वह उम्र जब दुनिया एक खुली किताब होती है। हर नया चेहरा, हर नया किरदार, एक सपना बन जाता है। कभी फौजी
असीन राजाराम उर्फ गगनदीप सिंह 11 साल की वह उम्र जब दुनिया एक खुली किताब होती है। हर नया चेहरा, हर नया किरदार, एक सपना बन जाता है। कभी फौजी
आकांक्षा गौतम एक संजीदा शोधकर्ता हैं, जो भारतीय समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों की समस्याओं को उजागर करने और उनके लिए एक न्यायसंगत सामाजिक संरचना की मांग करने के लिए सतत कार्यरत हैं। विशेष रूप से, वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सफाई कर्मचारियों और मैला ढोने वालों के जीवन, उनकी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों और उनके संघर्षों पर शोध कर रही हैं।
योग में रोज साथ देने वाले मेरे मित्र रमेश नांगलिया आज बहुत दुखी हैं. उन्हें कल सुबह कुंभ- स्नान के लिए प्रस्थान करना था. प्रयागराज में अपार भीड़ और जाम
हिन्दोस्तान आज़ाद हो गया। आज़ाद हिन्दोस्तान का ध्यान एक नए समाज के निर्माण की ओर केन्द्रित हो रहा है। यह नया समाज कैसा हो?- उसका मूल आधार कैसा हो? उसका
यात्रा adminदेस हरियाणा मेरे मन-पटल पर बचपन की जो सबसे पहली यात्रा अंकित है, वह बड़ी त्रासद और दुर्भाग्यपूर्ण है। वैसे तो बचपन की यात्राएं बाल-सुलभ उल्लास, उत्साह एवं उत्सुकता
लद्दाख की जनता की शांतिपूर्ण पश्मीना मार्च को धारा 144 लगाकर रोकना सरासर लोकतंत्र की हत्या है! लद्दाख की जनता के संघर्ष के समर्थन में अपनी-अपनी जगह पर पश्मीना मार्च