इसा गीत सुणाओ हे कवि- मंगत राम शास्त्री
Post Views: 264 मंगत राम शास्त्री इसा गीत सुणाओ हे कवि! होज्या सारै रम्मन्द रोळ, उट्ठे चोगरदै घमरौळ इसा राग्गड़ गाओ हे कवि! माच्ची उथल-पुथल सारै कोए झूठ और साच
Post Views: 264 मंगत राम शास्त्री इसा गीत सुणाओ हे कवि! होज्या सारै रम्मन्द रोळ, उट्ठे चोगरदै घमरौळ इसा राग्गड़ गाओ हे कवि! माच्ची उथल-पुथल सारै कोए झूठ और साच