विचार आते हैं -मुक्तिबोध
Post Views: 321 कविता विचार आते हैं विचार आते हैं-लिखते समय नहीं,बोझ ढोते वक्त पीठ परसिर पर उठाते समय भारपरिश्रम करते समयचांद उगता है वपानी मेें झलमलाने लगता हैहृदय के
Post Views: 321 कविता विचार आते हैं विचार आते हैं-लिखते समय नहीं,बोझ ढोते वक्त पीठ परसिर पर उठाते समय भारपरिश्रम करते समयचांद उगता है वपानी मेें झलमलाने लगता हैहृदय के