सत्यशोधक फाऊंडेशन एक ट्रस्ट है जो समाज के सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक-बौद्धिक विकास के लिए कार्यरत है। सत्यशोधक फाऊंडेशन की गतिविधियों में लेखक, कलाकार, बुद्धिजीवी व सामाजिक कार्यकर्त्ता भाग लेते हैं।
साहित्यिक-सास्कृतिक-कलात्मक रूचियों व चेतना के परिष्कार के जरिये सत्य आधारित संवेदनशील-समतामूलक , न्यायपूर्ण व विवेकशील समाज का निर्माण।
सामाजिक सोहार्द्र, साम्प्रदायिक भाईचारे, सामाजिक न्याय, साझी संस्कृति, शांति व सदभाव, एकता-अंखडता की स्थापना।
अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों तथा पिछड़े वर्गों, मानसिक या शारीरिक रूप से कमजोर, वृद्धजनों, महिलाओं, निर्धन वर्ग के अधिकारों की रक्षा व व चेतना प्रसार
शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, वैज्ञानिक चेतना, पठन-पाठन की संस्कृति व पुस्तकालयों की स्थापना करना
सावित्रीबाई फुले, जोतीबा फुले, बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर, शहीद भगतसिंह, कबीर, रैदास, गुरुनानक, महात्मा बुद्ध आदि प्रगतिशील विचारकों की चिंतन परंपरा का विकास।
साहित्य, संस्कृति व कला का संरक्षण व उत्थान
सामाजिक सोहार्द्र, साम्प्रदायिक भाईचारे, सामाजिक न्याय
साझी संस्कृति, शांति व सदभाव, एकता-अंखडता
भारतीय संविधान के संकल्प व मूल्य
प्रगतिशील परंपराओं व वैज्ञानिक चिंतन
देस हरियाणा साहित्य-समाज-संस्कृति व कला की शोध पत्रिका (ISSN 2454-6879) है, जिसमें हरियाणा व देश के लेखकों का विभिन्न विधाओं में सृजनात्मक साहित्य व चिंतकों-बुद्धिजीवियों के विभिन्न विषयों पर विचार प्रकाशित किए जाते हैं। इसमें प्रतिष्ठित लेखकों के साथ साथ युवा व नवोदित साहित्यकारों को विशेष स्थान दिया जाता है। पत्रिका हरियाणा के साहित्यिक-सांस्कृतिक परिवेश को सृजनात्मक दिशा में उद्वेलित कर रही है। हजारों पाठक इसमें प्रस्तुत विचारों से प्रेरणा लेते हुए अपनी बौद्धिक सृजना को निखार रहे हैं। सैंकड़ों लेखक इसके माध्यम से अपनी साहित्यिक रचनाओं के माध्यम से पाठकों से जुड़े हैं और समाज को सकारात्मक दिशा में योगदान देते हुए सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
उजाले हर तरफ होंगे (ग़ज़ल संग्रह) – मनजीत भोला
बुत गूंगे नहीं होते (कविता संग्रह) – ओमप्रकाश करुणेश
गुरु नानक देव जी – प्रोफेसर सुभाष सैनी
भारत की पहली शिक्षिका – माता सावित्रीबाई फुले (जीवनी) – प्रोफेसर सुभाष सैनी
शहीद उधमसिंह की आत्मकथा (जीवनी) – प्रोफेसर सुभाष सैनी
एक जलती मशाल – सत्यशोधक महात्मा फुले (जीवनी) – प्रोफेसर सुभाष सैनी
तृतीय रत्न (नाटक) – जोतिबा फुले, अनुवाद – प्रोफेसर सुभाष सैनी
सावित्रीबाई-जोतिबा फुले के भाषण व पत्र – सं प्रोफेसर सुभाष सैनी
भारत का संविधान – सरल अनुवाद – प्रोफेसर सुभाष सैनी
देस हरियाणा निरंतर साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। स्वस्थ संस्कृति व स्वस्थ विचारों के निर्माण व प्रसार का कार्य कर रहा है। समय समय पर सांस्कृतिक गतिविधियों के अलावा सृजन उत्सव नाम से एक समावेशी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें साहित्य, फिल्म, मीडिया, रंगमंच से जुड़े संस्कृतिकर्मी भाग लेते हैं। कलाकारों के लिए सृजन उत्सव अपनी कला का प्रदर्शन के प्रदर्शन व परस्पर सीखने का मंच है।
संगोष्ठियां, सेमिनार, कार्यशालाएं, पुस्तक परिचर्चा
रचनात्मक लेखन कार्यशाला, नेतृत्व निर्माण, व्यक्तित्व विकास, संप्रेषण कौशल, राष्ट्र व नागरिक निर्माण, संविधानिक साक्षरता संबंधी विषयों पर कार्यशालाएं आयोजित करते हैं।
वेबसाइट के माध्यम से साहित्य का संकलन व प्रसारण किया जाता है। desharyana.in
सत्यशोधक फाउंडेशन व देसहरियाणा की गतिविधियां सरकारी अनुदान अथवा कार्पोरेट संस्थानों के धन से नहीं चलती, बल्कि इससे जुड़े संवेदनशील व्यक्तियों के आर्थिक सहयोग से चलती हैं। आप इसमें अपना सहयोग कई प्रकार से कर सकते हैं।
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