देश में पत्रकारिता शिक्षा के औपचारिक श्रीगणेश के बाद इसमें कई आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिले हैं। कभी महज पत्रकारिता की शिक्षा देने वाले संस्थान आज पत्रकारिता सहित मीडिया शिक्षा
देश में पत्रकारिता शिक्षा के औपचारिक श्रीगणेश के बाद इसमें कई आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिले हैं। कभी महज पत्रकारिता की शिक्षा देने वाले संस्थान आज पत्रकारिता सहित मीडिया शिक्षा
अनिल पाण्डेय (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से प्रसारण पत्रकारिता में स्नातकोत्तर हैं। लेखक पूर्व में प्रतिष्ठित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवम् संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन
हरियाणा के लोगों को एक बात का अहसास तो हो चुका है कि मीडिया द्वारा दिखाये जाने के बाद उनकी छवि को बट्टा लग चुका है। अधिकांश हरियाणवी इस दर्द
जहां तक ऑनर किलिंग की घटनाओं की रिपोर्टिंग का प्रश्न है तो सभी समाचार पत्रों, चैनलो व बाकी माध्यमों ने इस नृशंस अपराध को पर्याप्त संवेदना के साथ रिपोर्ट किया
आजकल युवाओं की किताबों व साहित्य में रूचि कम है, अधिकतर युवाओं का ध्यान सोशल नेटवर्किंग साईटस-फेसबुक, व्हाट्सअप, ट्वीटर, इंस्टाग्राम की तरफ अधिक है। एक सर्वे के दौरान पाया गया
आलेख हरियाणा में लोक मंच को ‘सांग’ के नाम से जाना जाता है। ‘सांग’ शब्द, स्वांग शब्द से बना है जो नाट्य शास्त्र के ‘रूपक’ शब्द का पर्याय है। सांग