अपना शीश देने के लिए तैयार हुए पांचों व्यक्तियों में से ज्यादा समाज द्वारा नीची समझी जाने वाली जातियों में थे और खासतौर पर दस्तकार थे। उनमें से एक खत्री था, एक जाट, एक धोबी, एक नाई और एक कुम्हार था। इस से पता चलता है कि गुरु गोबिंद सिंह जी को तमाम जातियों और खासकर छोटी समझी जाने वाली जनता का अपार समर्थन था। उसे मेहनतकश किसान और मजदूरों का समर्थन हासिल था। उसे व्यापारी वर्ग का समर्थन था।