Post Views: 3,130 भारत में इस वर्ष 1857 के राष्ट्रीय विद्रोह की 150वीं सालगिरह मनाई जा रही है। इस विद्रोह को देसी और विदेशी इतिहासकारों ने अपनी – अपनी दृष्टियों…
दो मुंह वाला देवता
Post Views: 365 अमृत लाल मदान मामी जी को दो दिनों के लिए तावडू वापिस जाना पड़ा, जहां जाकर उन्हें अपने और मामा जी के मैले कपड़े धोने थे,…
बखत पड़े पै रोवै कौण -रिसाल जांगड़ा
Post Views: 184 हरियाणवी ग़ज़ल बखत पड़े पै रोवै कौण। करी कराई खोवै कौण। मशीन करैं सैं काम फटापट, डळे रात दिन ढोवै कौण। दुनिया हो रह्यी भागम भाग, नींद…
जिनके दिल मैं भरग्ये खटके-रिसाल जांगड़ा
Post Views: 215 हरियाणवी ग़ज़ल जिनके दिल मैं भरग्ये खटके, अपणी मंजिल तै वैं भटके। देख बुढापा रोण पड़ग्या, याद आवैं जोबन के लटके। जिनके ऊंचे कर्म नहीं थे, वैं…
जिम्मेदारी दुखी करै सै-रिसाल जांगड़ा
Post Views: 190 हरियाणवी ग़ज़ल जिम्मेदारी दुखी करै सै। दुनियादारी दुखी करै सै। कारीगर नै ऐन बखत पै, खुंडी आरी दुखी करै सै। पीछा चाहूं सूं छुटवाणा, मन अहंकारी दुखी…