‘1947’ उपन्यास पर समीक्षात्मक टिप्पणी – नरेश कुमार
नरेश कुमार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शोधार्थी हैं। मानवीय संवेदना को गहरे स्तर पर प्रभावित करने वाले गद्य साहित्य में विशेष रूचि है।हाल ही में परमानन्द शास्त्री ने विभाजन की त्रासदी को सूक्ष्म स्तर पर अभिव्यक्त करने वाले परगट सिंह सतौज के उपन्यास ‘1947’ का हिंदी में अनुवाद किया है। उसकी समीक्षा नरेश कुमार ने प्रस्तुत की है- … Continue reading‘1947’ उपन्यास पर समीक्षात्मक टिप्पणी – नरेश कुमार