ओमप्रकाश ग्रेवाल और आलोचकीय व्यवहार की भूमिका- आनंद प्रकाश
Post Views: 319 संस्मरण सत्तर के दशक की शुरुआत में लिखे दो-तीन निबंधों से ही मार्क्सवादी आलोचना में ओम प्रकाश ग्रेवाल की स्पष्ट पहचान बन गई थी और मित्रों-सहकर्मियों के
Continue readingओमप्रकाश ग्रेवाल और आलोचकीय व्यवहार की भूमिका- आनंद प्रकाश