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भीमराव अंबेडकर : संविधान के अप्रतिम शिल्पी

महात्मा गाँधी को अंबेडकर सिर्फ हिन्दुओं का नेता कहते थे, जबकि गाँधी अपने को सभी हिन्दुस्तानियों का नेता मानते थे। वे अपनी ओर से पहल करके अंबेडकर से संवाद की कोशिश करते रहे और उन्हें अपनी सोच से अवगत कराते रहे। गाँधी लगातार अंबेडकर की सोच को समझने की कोशिश भी करते रहे। अस्पृश्यता के विरुद्ध गाँधी भी थे और अंबेडकर भी, लेकिन एक द्रष्टा था दूसरा भोक्ता। … Continue readingभीमराव अंबेडकर : संविधान के अप्रतिम शिल्पी