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औरत-औरत में अंतर है – रजनी तिलक

Post Views: 48 औरत औरत होती है, ना उसका कोई धर्म ना कोई जात होती है, वह सुबह से शाम खटती है, घर मे मर्द से पिटती है सड़क पर

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