Tag: अरुण कुमार कैहरबा

क्रांतिकारी सूफी संत कवि बू अली शाह कलंदर – अरुण कुमार कैहरबा

Post Views: 210 जाति, धर्म, सम्प्रदाय, बोली-भाषा, क्षेत्र, रंग व लिंग आदि के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिशें होती आई हैं। लेकिन पीरों, फकीरों और पैगंबरों ने हमेशा

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रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय.. .. भारत की सांझी-संस्कृति के अग्रणी कवि रहीम- अरुण कुमार कैहरबा

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‘चॉक व चुनौतियों को मिलाकर विद्यार्थियों का जीवन बदलता शिक्षक’- अरुण कुमार कैहरबा

लेखक हिंदी विषय के अध्यापक तथा देसहरियाणा पत्रिका के सह-सम्पादक हैं … Continue reading‘चॉक व चुनौतियों को मिलाकर विद्यार्थियों का जीवन बदलता शिक्षक’- अरुण कुमार कैहरबा

अधिकारों के लिए जन अभिव्यक्ति है किसान आंदोलन- अरुण कुमार कैहरबा

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किसानों के तूफान के आगे नहीं टिकेगा कोई गुमान सरकार किसानों से बात करे और निकाले समाधान- अरुण कुमार कैहरबा

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जागरूकता से ही रोकी जा सकती है एड्स की महामारी – अरुण कुमार कैहरबा

Post Views: 315 दुनिया में एचआईवी/एड्स एक महामारी का रूप लेता जा रहा है। इस जानलेवा विषाणु के बारे में जागरूकता की कमी भारत सहित विकासशील देशों की सबसे बड़ी

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हरियाणा में स्कूली शिक्षा दशा और दिशा- अरुण कुमार कैहरबा

अधिकतर निजी स्कूलों के पास ना तो खेल के मैदान हैं, ना ही बच्चों की संख्या के अनुकूल बड़ा प्रांगण। कमरों के आकार छोटे हैं। कइ अध्यापकों के पास बुनियादी प्रशिक्षण नहीं है। स्कूलों के मालिक और प्रबंधकों की मुनाफाखोरी अलग से आफत है। अधिकतर निजी स्कूलों में पढ़ा रहे प्रशिक्षित और गैर-प्रशिक्षित अध्यापकों का मानदेय इतना कम है कि वे मुश्किल से गुजारा कर पाते हैं। तमाम पहलुओं के बावजूद समय का यथार्थ यही है कि निजी शिक्षा संस्थान लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार द्वारा भी उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। जबकि सरकारी स्कूलों की उपेक्षा हो रही है। … Continue readingहरियाणा में स्कूली शिक्षा दशा और दिशा- अरुण कुमार कैहरबा

राजकीय प्राथमिक पाठशाला नन्हेड़ा – अरुण कुमार कैहरबा

Post Views: 234 अक्सर शिक्षा को लेकर सरकारी स्कूलों पर तोहमतें लगाई जाती हैं। अनेक खूबियों के बावजूद सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तुलना में कमतर बताया जा रहा

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