Tag: अमित मनोज

चूड़ियाँ – अमित मनोज

Post Views: 34 अमित मनोज की कहानियों में गजब की सादगी है। ‘चूड़ियाँ’ कहानी में अमित मनोज ने गाँव देहात में व्याप्त तुच्छ ईर्ष्या प्रेरित जटिल अमानवीय घटनाओं को सरलता

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घास , भैंस और कलावती – अमित मनोज

Post Views: 47 बीसेक दिन पहले बारिश हुई थी। थोड़ी जोरों की। गाँव में सब जनों के चेहरे खिलखिला आये थे। एक बारिश का ही तो सहारा था किसानों को।

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दो कविताएं- अमित मनोज

अमित मनोज हरियाणा केंद्रीय विश्विद्यालय के हिंदी विभाग में विभाग प्रभारी के रुप में कार्यरत हैं। लोक जीवन और सरल मुहावरा अमित मनोज की कविताओं की खासियत है। अमित के दो कविता संग्रह ‘कठिन समय में’ और ‘दुख कोई चिड़िया तो नहीं’ प्रकाशित हो चुके हैं। … Continue readingदो कविताएं- अमित मनोज

दुख कोई चिड़िया तो नहीं

Post Views: 223 डॉ. विजय विद्यार्थी जब भी कोई दुख पहुँचता है अमित मनोज यह गीत गाता है ‘दुख कोई चिड़िया तो नहीं’ यह अभिव्यक्ति न सिर्फ कवि के दुखी

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कच्चे रास्तों का धनी-धोरी – अमित मनोज

Post Views: 1,123 जिमाड़ों में हमारी खास रूचि हो गई थी। स्कूल में पढ़ाते हुए हम और चीजों की बजाय खाने-पीने में ही ज्यादा ध्यान देते। आस-पास के जिमाड़ों में

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हरियाणा में हिन्दी कहानी का परिदृश्य

Post Views: 732 ज्ञान प्रकाश विवेक ज्ञान प्रकाश विवेक हरियाणा के प्रख्यात कथाकार हैं। उन्होंने नई कथा-भाषा का सृजन करते हुए कहानी को कलात्मक उच्चता प्रदान की है। अपने समय

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हरियाणा में रचित हिन्दी कविता की अर्धशती -राजेन्द्र गौतम

Post Views: 863 साहित्य हरियाणा में रचित समकालीन हिन्दी कविता पर बात करते हुए एक दिक्कत सामने आती है। कविता का पार्थक्य भाषाओं और अलग-अलग काल-खंडों के आधार पर तो

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किसानी का मतलब है मौत ! – अमित मनोज

Post Views: 535                 दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले दिनों एक घटना घटी। वह यह कि वहाँ कुछ किसानों  ने अपना मूत्र इसलिए पी लिया था कि महीने भर तरह-तरह

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