प्रोफेसर सुभाष चन्द्र वीरेन्द्र यादव रचित ‘उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता’ पुस्तक हिन्दी आलोचना और विशेषकर उपन्यास आलोचना के लिए महत्त्वपूर्ण है। आधुनिक काल के अन्तर्द्वन्द्वों को उपन्यास ने मुख्यत:
प्रोफेसर सुभाष चन्द्र वीरेन्द्र यादव रचित ‘उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता’ पुस्तक हिन्दी आलोचना और विशेषकर उपन्यास आलोचना के लिए महत्त्वपूर्ण है। आधुनिक काल के अन्तर्द्वन्द्वों को उपन्यास ने मुख्यत: