लम्बे अरसे से मंगत राम शास्त्री हरियाणवी ग़ज़ल लिख रहे हैं। इनकी रचनाओं में पोलिटिकल फंडामेंटलिज्म के प्रति सचेत विरोध है। इसके अलावा शास्त्री की गज़लें अपने वर्तमान से संवाद
लम्बे अरसे से मंगत राम शास्त्री हरियाणवी ग़ज़ल लिख रहे हैं। इनकी रचनाओं में पोलिटिकल फंडामेंटलिज्म के प्रति सचेत विरोध है। इसके अलावा शास्त्री की गज़लें अपने वर्तमान से संवाद