मेवाती लोक गीत मैं तो चिड़िया-सी उड़ जाऊंगी मेरा बाबल। मैं तो तीन दिना भारी मेरा बाबल। मोसू हड़क-बड़क मत बोले मेरा बाबल मैं तो चिड़िया सी उड़ जाऊंगी मेरा
मेवाती लोक गीत मैं तो चिड़िया-सी उड़ जाऊंगी मेरा बाबल। मैं तो तीन दिना भारी मेरा बाबल। मोसू हड़क-बड़क मत बोले मेरा बाबल मैं तो चिड़िया सी उड़ जाऊंगी मेरा
मर्यादा व अनुशासन यद्यपि मौन धारण करने की अपेक्षा करते हैं, पर परिवार के विभिन्न लोगों का रवैया मन में विद्रोह करने की खलबली मचा देता है। मन का आक्रोशन