ऐकला चाल – रवीन्द्रनाथ टैगोर

रवीन्द्रनाथ टैगोर की एकला चलो रे कविता का डा. सुभाष चंद्र द्वारा हरियाणवी अनुवाद

कसूरवार – अंतोन चेखव

अंतोन चेखव की मैलइफेक्टर का हरयाणवी अनुवाद। जिसमें 19 वीं सदी के रूसी किसान के भोलेपन एवं उसकी दुर्दशा का…

लेणे के देणे – चिनवा अचेबे

चिनवा अचेबे की रचनाओं ने विश्व के साहित्य के लेखन, अध्ययन व अध्यापन को प्रभावित किया है। प्रस्तुत कहानी अचेबे…