उन्होंने अर्थशास्त्र को गणित से अधिक दर्शनशास्त्र के नजरिये से देखा है। वे आर्थिक भूमंडलीकरण के सिद्धांत की उपयोगिता को तो स्वीकार करते हैं किन्तु उनका मानना है कि मानव संसाधनों के विकास के बिना भूमंडलीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव नहीं है।
उन्होंने अर्थशास्त्र को गणित से अधिक दर्शनशास्त्र के नजरिये से देखा है। वे आर्थिक भूमंडलीकरण के सिद्धांत की उपयोगिता को तो स्वीकार करते हैं किन्तु उनका मानना है कि मानव संसाधनों के विकास के बिना भूमंडलीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव नहीं है।