स्वामी रामदास (1884-1963) अनुवाद दिनेश दधिची मधुमक्षिका पुष्प पर जैसे मँडराती है उसी प्रकार हृदय मेरा, हे प्रभो! आपके चरणों पर मँडराता है। वह करती है मधु-पान और यह अमृत-रस
स्वामी रामदास (1884-1963) अनुवाद दिनेश दधिची मधुमक्षिका पुष्प पर जैसे मँडराती है उसी प्रकार हृदय मेरा, हे प्रभो! आपके चरणों पर मँडराता है। वह करती है मधु-पान और यह अमृत-रस