Post Views: 32 कविता भारत माताग्रामवासिनी।खेतों में फैला है श्यामलधूल भरा मैला सा आँचल,गंगा यमुना में आँसू जल,मिट्टी कि प्रतिमाउदासिनी। दैन्य जड़ित अपलक नत चितवन,अधरों में चिर नीरव रोदन,युग युग…
सुख-दुख- सुमित्रानंदन पंत
Post Views: 110 मैं नहीं चाहता चिर-सुख, चाहता नहीं अविरत दुख, सुख-दुख की आँख-मिचौनी खोले जीवन अपना मुख। सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन, फिर घन में…