उन्होंने अर्थशास्त्र को गणित से अधिक दर्शनशास्त्र के नजरिये से देखा है। वे आर्थिक भूमंडलीकरण के सिद्धांत की उपयोगिता को तो स्वीकार करते हैं किन्तु उनका मानना है कि मानव संसाधनों के विकास के बिना भूमंडलीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव नहीं है।
अन्ना हजारे : गाँधी-मार्ग का अंतिम पथिक – डॉ. अमरनाथ
अन्ना हजारे गाँधीजी के ग्राम स्वराज्य को भारत के गाँवों की समृद्धि का माध्यम मानते हैं। उनका मानना है कि ‘बलशाली भारत के लिए गाँवों को अपने पैरों पर खड़ा करना होगा।’
अनुपम मिश्र : हमारे समय का अनुपम आदमी – डॉ. अमरनाथ
अपनी पुस्तक “आज भी खरे हैं तालाब” में श्री अनुपम मिश्र ने समूचे भारत के तालाबों, जल-संचयन पद्धतियों, जल-प्रबन्धन, झीलों तथा पानी की अनेक भव्य परंपराओं की समझ, दर्शन और शोध को लिपिबद्ध किया है। भारत की यह पारम्परिक जल संरचनाएं, आज भी हजारों गाँवों और कस्बों के लिये जीवनरेखा के समान हैं।
अनिल सद्गोपाल : सबको शिक्षा एक समान – डॉ. अमरनाथ
‘शिक्षा में बदलाव का सवाल’, ‘बदलाव की राजनीति और संघर्ष का दर्शन’, ‘सरकारी शैक्षिक समितियाँ- आयोग : लोकतांत्रिक सलाह –मशविरे का ढोंग’, ‘पोलिटिकल इकोनामी ऑफ एजूकेशन इन द एज ऑफ ग्लोबलाइजेशन : डी-मिस्टीफाइंग द नॉलेज एजेंडा’ आदि उनकी लगभग एक दर्जन पुस्तिकाएं प्रकाशित हैं।
हरियाणा में उच्च शिक्षा का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, वर्तमान दृश्य तथा चुनौतियाँ – सुरेंद्र कुमार
इस लेख में वर्तमान हरियाणा की उच्च-शिक्षा से सम्बद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान व्यवस्था पर एक नज़र डालते हुए उस की विवेचना का गम्भीर प्रयास किया गया है।
पूजा में बलि- प्रथा- अमरनाथ
बलि के पीछे का मुख्य कारण इन्सान का मांस भक्षण है. जबतक इन्सान को दूसरे जानवरों के मांस में स्वाद मिलेगा तबतक वह उनकी कुर्बानी भी करता रहेगा, जानवरों की बलि भी देता रहेगा. इन्सान अपने ईश्वर को वही चीजें भेंट करता है जो वह खुद पसंद करता है (लेख से)
किसान आंदोलन और लोकतंत्र – गोपाल प्रधान
Post Views: 27 आखिरकार देश के प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन के सवाल पर जो वैचारिक अभियान शुरू किया उससे ही बात शुरू करना उचित होगा । कारण कि देश के…
डी.आर. चौधरी होने के मायने – सुरेंद्र पाल सिंह
Post Views: 378 2 जून को अलसुबह रोहतक से एक अजीज का फोन आया कि डी.आर. चौधरी का शायद इंतकाल हो चुका है। मेरे दिल ने तुरंत शायद को यकीन…

उपभोक्तावाद की संस्कृति – श्यामाचरण दुबे
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डॉक्टर महावीर नरवाल
Post Views: 47 जीवन के संग्राम और समाज बदलने के संघर्ष में कभी हार न मानने वाले डॉक्टर महावीर नरवाल सांसों की लड़ाई हार गए। उन्होंने रोहतक के पोजीट्रॉन अस्पताल…