ग़ज़ल साथ मेरे कोई जब चला दूर तक, ख़ुद संवरता गया रास्ता दूर तक। पास आए जो तुम मुस्कराते हुए, भर गई ख़ुशबुओं से फ़ज़ा दूर तक। तुम से नज़रें
ग़ज़ल साथ मेरे कोई जब चला दूर तक, ख़ुद संवरता गया रास्ता दूर तक। पास आए जो तुम मुस्कराते हुए, भर गई ख़ुशबुओं से फ़ज़ा दूर तक। तुम से नज़रें