सही मायनों में रचनाओं का मूल्यांकन होना अभी भी बाकी – अशोक भाटिया

अशोक भाटिया ने लम्बे समय तक हरियाणा के करनाल जिले के कॉलेज में हिंदी का अध्ययन- अध्यापन का काम किया। वर्तमान में सेवानिवृत हैं और हिंदी कविता, कहानी और आलोचना के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होनें इधर की हिंदी लघुकथा को विकसित-प्रचारित और प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस सम्बन्ध में इनकी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें हाल-फिलहाल में प्रकाशित हुई हैं।