सतनामी सम्प्रदाय में जाट, चमार, खाती आदि छोटी जातियों के लोग शामिल थे। परन्तु उन्होंने अपने जातिगत भेद मिटा दिए थे। वे सादा भोजन करते और फकीरों जैसा बाना पहनते थे। सतनामी हर प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ थे। इसलिए अपने साथ हथियार लेकर चलते थे। दौलतमंदों की गुलामी करना उन्हें बुरा लगता था। उनका उपदेश था कि गरीब को मत सताओ। जालिम बादशाह और बेईमान साहूकार से दूर रहो।