Post Views: 349 शिव कुमार मिश्र (2-2-1931—21-6-2013) जी का जाना हिन्दी जगत में सक्रिय विमर्श और रचनात्मक आलोचना के एक स्तम्भ का उखड़ जाना है। समकालीन परिदृश्य में इस वय में…
अँग्रेजी साहित्य शिक्षण में ओम प्रकाश ग्रेवाल का योगदान – भीम सिंह दहिया
Post Views: 160 संस्मरण जाने-माने शिक्षाविद प्रोफेसर भीम सिंह दहिया कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर रहते हुए सेवानिवृत्त हुए। इस से पहले वे महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय , रोहतक…
वी.बी.अबरोल – डॉ. ओम प्रकाश ग्रेवाल : एक जुझारू अध्यापक
Post Views: 174 संस्मरण प्रो. ओम प्रकाश ग्रेवाल के सौम्य, शालीन व्यक्तित्व में ही कहीं छिपा था एक जुझारूपन जो इन्सानी कद्रों के साथ हो रही बेइंसाफी के प्रति विरोध…
याद आते हैं पुराने दोस्त नानक चंद से बातचीत -चंद्र त्रिखा
Post Views: 581 चंद्र त्रिखा नानक चंद की उम्र उस समय 21 साल रही होगी, जब पाकिस्तान के नूरगढ़ गांव जिला मुल्तान में उनके गांव पर मुसलमानों ने हमला बोल…
रागनी का मास्टऱ, ग़ज़ल का आशिक रामेश्वर दास गुप्ता – ओमसिंह अशफाक
Post Views: 344 रागनी का मास्टऱ, ग़ज़ल का आशिक – रामेश्वर दास गुप्ता (9-3-1951—18-8-2014) जन्माष्टमी के दिन (18-8-2014) पिपली (कुरुक्षेत्र) निवासी मास्टर रामेश्वर दास गुप्ता जी का 63 की उम्र…
अमृतराय – प्रेम चंद
(यशस्वी लेखक एवं प्रेमचंद के पुत्र ने जिस रूप में देखा-जाना प्रेमचंद को।)
भारतीय मिथकों का कवि हरिभजन सिंंह रेणु
Post Views: 697 संस्मरण पूरन मुदगल कविता उसके आसपास थी, आसपास कहीं भी नहीं थी। इस विरोधाभास की सच्चाई क्या है? घर-परिवार, वातावरण, व्यवसाय, सब कविताविहीन। कविता उसके लिए बावड़ी…
एक अशांत अदीब की खामोश मौत -ज्ञान प्रकाश विवेक
Post Views: 874 ललित कार्तिकेय का जन्म हरियाणा के सारन में हुआ। उन्होंने ‘हिलियम’, ‘तलछट का कोरस’, कहानी संग्रह, ‘सामने का समय’, आलोचना तथा देरिदा की ‘स्पेक्टर्स ऑफ माक्र्स’, सलमान…
और जब मौत नहीं आयी – शिव वर्मा
Post Views: 232 सोमैया इस संसार में बिल्कुल अकेला था। उसे न तो अपनी मां की याद थी और न बाप की। गांव के बड़े-बूढ़ों से जो कुछ सुनता था,…
भारत-पाकिस्तान विभाजन: जैसा मैंने देखा – डा. लक्ष्मण सिंह
Post Views: 403 संस्मरण मैं जब जाट हाई स्कूल की प्रथम कक्षा में दाखिल हुआ, उस समय 10-11 वर्ष का था। स्कूल जींद के रेलवे स्टेशन से पूर्व की ओर…