वेंडी बार्कर अनुवाद दिनेश दधिची एक-दूजे के जलाशय में रहे हम तैरते रात-भर धुलती रही घुलती रही चट्टान तट पर धार से . जल-धार से . खुरदरे सब स्थल हुए
वेंडी बार्कर अनुवाद दिनेश दधिची एक-दूजे के जलाशय में रहे हम तैरते रात-भर धुलती रही घुलती रही चट्टान तट पर धार से . जल-धार से . खुरदरे सब स्थल हुए
वेंडी बार्कर (जन्म 1942 ) अनुवाद दिनेश दधीचि (1) याद है हव्वा को मैंने तो बस उसका झुकना भर देखा पथ पर देखा—वह कुछ सोच-समझ कर झुका और फैलायी लंबी