ओ मेरी कविता कहाँ हैं तेरे श्रोता ? – राजेश जोशी

ओ मेरी कविता कहाँ हैं तेरे श्रोता? कमरे में कुल बारह लोग और आठ खाली कुर्सियाँ- चलो अब शुरू करते…