सावित्रीबाई फुले ने जोतीबा फुले को तीन पत्र लिखे। ये पत्र ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जिनसे तत्कालीन समाज का विश्वसनीय ढंग से पता चलता है। फुले दंपति के संघर्षों व उनके
सावित्रीबाई फुले ने जोतीबा फुले को तीन पत्र लिखे। ये पत्र ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जिनसे तत्कालीन समाज का विश्वसनीय ढंग से पता चलता है। फुले दंपति के संघर्षों व उनके
जेल में बेंतों की सजा खाने और उन घावों के ठीक हो जाने के पश्चात् आजाद काशी विद्यापीठ में भरती हो गए। 1921 में बनारस में महात्मा गांधी ने काशी
सुरेन्द्र पाल सिंह- जन्म: 12 नवंबर 1960 शिक्षा: स्नातक– कृषि विज्ञान स्नातकोतर– समाजशास्त्र सेवा, व्यावहारिक मनौविज्ञान, बुद्धिस्ट स्ट्डीज– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सेवानिवृत लेखन– सम सामयिक मुद्दों पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित सलाहकर– देस हरियाणा कार्यक्षेत्र – विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों विशेष तौर पर लैंगिक संवेदनशीलता, सामाजिक न्याय, सांझी संस्कृति व साम्प्रदायिक सद्भाव के निर्माण में निरंतर सक्रिय, देश-विदेश में घुमक्कड़ी में विशेष रुचि-ऐतिहासिक स्थलों, घटनाओं के प्रति संवेदनशील व खोजपूर्ण दृष्टि। पताः डी एल एफ वैली, पंचकूला मो. 98728-90401
लेखक हिंदी विषय के अध्यापक तथा देसहरियाणा पत्रिका के सह-सम्पादक हैं
( लेखक कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और हिन्दी विभागाध्यक्ष हैं.)
( लेखक कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और हिन्दी विभागाध्यक्ष हैं.)