चुप की दाद – विनोद सहगल

अल्ताफ़ हुसैन हाली पानीपती ऐ मांओं बहनों, बेटियों, दुनियां की ज़ीनत1 तुमसे हैमुल्कों की बस्ती हो तुम्ही, क़ौमों की इज़्ज़त…