नब्बे के दशक में आये उदारीकरण के दौर ने हरियाणा के ऐसे तमाम गावों में ‘बुग्गी ब्रिगेड’ के रूप में खेती से विमुख बेरोजगारों के आवारा झुण्ड पैदा कर दिए थे। पंजाब के गावों में भी इस दौरान उत्तरोत्तर नशे का चलन बढ़ता गया है। लेकिन मंडी और एमएसपी व्यवस्था ने कृषि और किसानी के जुड़ाव को जिंदा रखा हुआ था। कॉर्पोरेट कृषि व्यवस्था इसे जड़ों से अस्थिर करने वाली प्रणाली है। (लेख से)

साहित्य चुनौती की भाषा पैदा करता है – वी.एन. राय
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दंगे में प्रशासन – विकास नारायण राय
Post Views: 305 विकास नारायण राय स्वतंत्र देश में 1947 के बाद पहली बार कहीं भी खुली राजकीय शह पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का व्यापक तां व नवम्बर 1984…
प्रेमचंद से दोस्ती- विकास नारायण राय
Post Views: 690 आलेख महान लेखक प्रेमचंद के साहित्य से हर कोई परिचित है। उनके साहित्य में तत्कालीन सामाजिकशक्तियों की टकराहट-संघर्ष-आंदोलन स्पष्टत: मौजूद हैं। विकास नारायण राय का प्रस्तुत विशेष…