भूमि, भूमि पर बसने वाला जन और जन की संस्कृति इन तीनों के सम्मिलन से राष्ट्र का स्वरूप बनता है। भूमि का निर्माण देवों ने किया है, वह अनन्त काल
भूमि, भूमि पर बसने वाला जन और जन की संस्कृति इन तीनों के सम्मिलन से राष्ट्र का स्वरूप बनता है। भूमि का निर्माण देवों ने किया है, वह अनन्त काल