तीन चूहे बड़े जिगरी यार थे। घणे दिनां में फेट्टे तो उनमें एक जुणसा मरियल था-न्यूं बोल्या अक् रै कड़ै रह्या करो-वे दोनों मोटे ताजे थे। उनमैै तै एक बोल्या-मैं
तीन चूहे बड़े जिगरी यार थे। घणे दिनां में फेट्टे तो उनमें एक जुणसा मरियल था-न्यूं बोल्या अक् रै कड़ै रह्या करो-वे दोनों मोटे ताजे थे। उनमैै तै एक बोल्या-मैं
एक बै की बात सै एक ताऊ रेल में सफर करै था। छोरा तो उसके था नहीं, वो खुदे बेटी के पीलिया जावै था अर एक गठड़ी तीलां की लेर्या