संक्रात का दिन था। किसान नै सुण राख्या था अक् संक्रांत ने गरूड़ दीखज्या तो बड़ा आच्छा हो सै। उसने…
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ऊकडूं बैठणा अर फूंक मारणा ए घरेलू सै
एक देहाती शहर के डाक्टर धोरै जाकै बोल्या-डाक्टर साब, मेरै खांसी जुकाम होर्या सै कोए देशी घरेलू सा नुक्सा बताओ…
लेके रहेंगे-लेके रहेगे
एक बै जागरूक माच्छरां नै मिलकै एक सभा बुलाई-उनका नेता बोल्या-भाईयो! ‘हमारे साथ बड़ी बेइन्साफी हो रही है-जुल्म ढाए जा…
मेज तलै है जी
एक बै एक स्कूल में डी.ओ. चली गई। उस स्कूल को दसमी कलास में छोरे पढ़ाई में रद्दी थे अर…