'ठुमरी' संग्रह में संकलित 'लाल पान की बेगम' सन् 1956 की कहानी है। इलाहाबाद से प्रकाशित 'कहानी' पत्रिका के जनवरी, 1957 के अंक में यह प्रकाशित हुई थी। पुंज प्रकाश ने इस कहानी का नाट्य रूपान्तरण भी किया है, जिसे सन् 2017 में—शारदा सिंह के निर्देशन में—पटना के 'कालिदास रंगालय' में मंचित किया गया। बिरजू की माँ के द्वारा ‘स्त्री सशक्तिकरण’ की मिशाल पेश की गई है। इस कहानी में बिरजू की माँ अपनी जिन्दगी अपने शर्तों पर जीती है, पूरे आत्मसम्मान एवं ठसक के साथ। (स्त्रोत- इन्टरनेट)