यह सूधौ सनेह कौ मारग है, इहां नैकु सयानप बांक नहींतुम कौन धौं पाटी पढे हौ लला, मन लेहु पै देहु छटांक नहीं ? आनन्दघन ने अपनी कविता में तो
यह सूधौ सनेह कौ मारग है, इहां नैकु सयानप बांक नहींतुम कौन धौं पाटी पढे हौ लला, मन लेहु पै देहु छटांक नहीं ? आनन्दघन ने अपनी कविता में तो