राहुल ने लगभग एक सौ उन्नीस या इससे भी अधिक ग्रन्थ लिखे हैं। ये सभी ग्रन्थ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ‘साम्यवादी विचारधारा’ की दृष्टि से या तो व्याख्या हैं
राहुल ने लगभग एक सौ उन्नीस या इससे भी अधिक ग्रन्थ लिखे हैं। ये सभी ग्रन्थ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ‘साम्यवादी विचारधारा’ की दृष्टि से या तो व्याख्या हैं
“वैसे तो धर्मों में आपस में मतभेद है। एक पूरब मुँह करके पूजा करने का विधान करता है, तो दूसरा पश्चिम की ओर। एक सिर पर कुछ बाल बढ़ाना चाहता