( लेखक कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और हिन्दी विभागाध्यक्ष हैं.)
( लेखक कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और हिन्दी विभागाध्यक्ष हैं.)
डा.राम मनोहर लोहिया भारतीय स्वतनत्रता सेनानी, प्रखर विचारक, राजनेता और सुप्रसिद्ध समाजवादी थे। डॉ.लोहिया विचारों के बल पर राजनीति का रुख बदलने वाले नेता थे। डॉ.लोहिया ने हमेशा भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी से अधिक हिंदी को प्राथमिकता दी। उनका विश्वास था कि अंग्रेजी शिक्षित और अशिक्षित जनता के बीच दूरी पैदा करती है। प्रस्तुत है - डॉ. लोहिया के हिन्दी भाषा के प्रति विचार ।