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रात के पास हैं हज़ार आंखें – फ़्रांसिस विलियम बोर्दिलान

Post Views: 198 फ़्रांसिस विलियम बोर्दिलान (1852-1921)  अनुवाद – दिनेश दधीचि रात के पास हैं हज़ार आंखें और दिन को मिली है एक फ़क़त। फिर भी उस एक के न…