राजेश भारती हरियाणा के कैथल जिले के गाँव काकौत के रहने वाले हैं। अपने आस पास होने वाली अप्रिय-अमानवीय घटनाओं से वाकिफ रहते हैं । राजेश भारती की ये कविताएँ शोषितों-वंचितों, महिलाओं के हक़ की बात करती हैं और वर्तमान में देशभर में व्याप्त धार्मिक उन्माद और नफरत के विरोध में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं। प्रस्तुत हैं राजेश भारती की पांच कविताएँ-