'राजा निरबंसिया' कहानी नई कहानी आन्दोलन की वृहदत्रयी के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर कमलेश्वर के कहानी संग्रह 'राजा निरबंसिया' (1957) में प्रकाशित हुई थी. इस कहानी में कमलेश्वर ने राजा निरबंसिया की पौराणिक कथा तथा चंदा की आधुनिक कहानी को एक समानांतर रूप से कही है जिसमें आधुनिक जीवन की विसंगतियों को चित्रित किया गया है. नई कहानी आन्दोलन की वृहदत्रयी में अन्य दो महत्वपूर्ण हस्ताक्षर राजेंद्र यादव और मोहन राकेश हैं।