गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर उनकी एक कविता “प्राण” का हरियाणवी में अनुवाद आपके सामने प्रस्तुत है जिसका हिंदी में अनुवाद श्री रामधारी सिंह दिनकर ने किया है.यह कविता
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर उनकी एक कविता “प्राण” का हरियाणवी में अनुवाद आपके सामने प्रस्तुत है जिसका हिंदी में अनुवाद श्री रामधारी सिंह दिनकर ने किया है.यह कविता
‘मेरे लाडले, द्विजां म्हं सै तू सबतै ऊपर, सत्य सै तेरा बंश।’