विनोद कुमार शुक्ल के बारे में कहा जाता है कि वे सूक्ष्म काव्य्भिव्य्क्ति के कवि हैं. अमूमन उनकी कविताओं की पहली पंक्तियाँ ही उनकी कविताओं के शीर्षक भी होती हैं इसलिए पाठक को काव्य प्रवेश की अधिक सुविधा उपलब्ध होती है. वे अपनी कविताओं में शब्दों के हेर फेर से गहनतम अर्थ के निर्माण पर जोर देते हैं इस प्रक्रिया में कुछ शब्द का दोहराव अपेक्षित ही है. प्रस्तुत हैं विनोद कुमार शुक्ल की कुछ कविताएँ.